‘वाग्मिता’ अंतर्विद्यालय हिंदी-पंजाबी प्रतियोगिता
‘वाग्मिता’ अर्थात शब्दों का चतुराई और प्रभावी ढंग से प्रयोग। इसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु 16 अक्तूबर, 2024 को दिल्ली पब्लिक स्कूल के परिसर में ‘वाग्मिता’ अंतर्विद्यालय हिंदी-पंजाबी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया । इस उत्सव में कक्षा छठी से बारहवीं तक के छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और 12 अन्य स्कूलों की सक्रिय भागीदारी रही। साहित्यिक उत्सव का शुभारम्भ विद्यालय की प्राचार्या श्रीमती बलमीत कौर और निर्णायक मंडल के सदस्यों ने दीप प्रज्ज्वलित करने की पुनीत परम्परा से किया I
निर्णायक-मंडल के सदस्यों में श्री मनोज प्रीत सिंह, डॉ० बबिता जैन, सुश्री सुरचना एवं श्रीमान मित्तर सेन मीत शामिल थे, जिन्होंने हिंदी और पंजाबी साहित्य की सेवा में अपना अमूल्य योगदान दिया है। कार्यक्रम का आरंभ देव-वंदना से किया गया। देव-वंदना के पश्चात विद्यालय के नृत्य-दल के सदस्यों ने माँ दुर्गा की स्तुति पर आधारित नृत्य प्रस्तुत किया I इस संक्षिप्त कार्यक्रम के पश्चात साहित्यिक कार्यक्रम का आरम्भ हुआ। ‘वाग्मिता’ साहित्य उत्सव में हिंदी पंजाबी में विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की गईं। छठी से आठवीं श्रेणी के विद्यार्थियों के लिए ‘वीर रस’ पर आधारित एक काव्य पाठ ‘कुछ तुम कहो, कुछ हम कहें’ का आयोजन किया गया, जिसे सभी प्रतिभागियों ने प्रभावी रंगमंचीय सामग्री और सशक्त अभिव्यक्ति के साथ बेहद ओजस्वी और प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया। वरिष्ठ वर्ग की भाषण प्रतियोगिता में छात्रों ने 3 से 4 मिनट की समय-सीमा में उत्कृष्ट रूप से ‘चरित्र बिना शिक्षा अधूरी’ विषय पर भाषण प्रस्तुत किया। प्रतियोगिता अत्यंत विचारोत्तेजक और प्रभावशाली रही। विज्ञापन : रंगों की ज़ुबानी प्रतियोगिता के तहत प्रत्येक विद्यालय के प्रतिभागियों को ‘पर्यावरण संरक्षण में ही मानव सुरक्षा’ विषय पर एक आकर्षक विज्ञापन तैयार कर, उसे प्रभावशाली ढंग से हाव-भाव के साथ प्रस्तुत करना था। विज्ञापन की रूपरेखा तैयार करने के लिए 45 मिनट और प्रस्तुति के लिए 2 मिनट का समय दिया गया। छात्रों ने रचनात्मकता और प्रभावशाली ढंग से विज्ञापन प्रस्तुत किए।
हिंदी और पंजाबी भाषा में कथा-लेखन प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने अपनी सोच, भाषा और कलात्मकता से अद्भुत कहानियाँ रचीं। प्रतिभागियों को आवश्यक पृष्ठ के साथ प्रारंभिक पंक्तियाँ दी गई थीं, जिनके आधार पर उन्हें 45 मिनट में सुंदर कहानियों की रचना करनी थी । पंजाबी भाषा की गतिविधि ‘कहानी कविता दी ज़ुबानी’ प्रतियोगिता में हर एक टीम को 3-4 मिनट का समय दिया गया I कहानी को कविता की तरह प्रस्तुत किया गया Iपंजाबी लोकगीतों पर आधारित प्रतियोगिता ‘रूह दी आवाज़’ में कक्षा नवीं से बारहवीं तक के छात्रों ने भाग लिया I एक टीम में 5 सदस्य भाग ले सकते थे I प्रत्येक टीम ने अपने लोकगीत के अनुसार वेशभूषा में अपनी प्रस्तुति दी I प्रत्येक विद्यालय की प्रस्तुति ने लोगों को मन्त्र-मुग्ध कर दिया I‘वाग्मिता‘ की सभी सात गतिविधियों के विजेताओं को ट्रॉफी और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।